कोटा राजस्थान के पर्यटक स्थल

 

                                    कोटा

                      कोटा शहर का इतिहास

राजस्थान के कोटा शहर का इतिहास- History Of Kota Rajasthan In Hindi

कोटा शहर का इतिहास 12 वीं शताब्दी के दौरान का माना जाता हैं। जब हाडा वंश से सम्बंधित एक राजा राव देवा चौहान ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त कर अपना आधिपत्य जमा लिया था और बाद में हडोटी और बूंदी नामक स्थान की स्थापना की। 17 वीं शताब्दी के प्रारंभ में मुगल सम्राट जहाँगीर के शासन काल के दौरान बूंदी के राजा राव रतनसिंह ने अपने दूसरे पुत्र माधों सिंह के हाथो में कोटा रियासत की भागदौड़ थमा दी। सन 1631 से ही कोटा एक स्वतंत्र प्रान्त बन गया। कोटा राजपूत संस्कृति और वीरता के रूप में जाना जाता हैं। कोटा प्रान्त के इतिहास में महाराव भीम सिंह ने अहम भूमिका निभायी और उन्होंने पांच हजार का मनसव रखा साथ ही महाराजा की उपाधि धारण करने वाले वह अपने वंश के प्रथम व्यक्ति बने।

                           सेवन वंडर्स पार्क  

सेवन वंडर्स पार्क कोटा, राजस्थान- Seven Wonders Park Kota Rajasthan In Hindi

कोटा केसेवन वंडर्स पार्कमें दुनिया के सभी सात अजूबों के लघु चित्र बनाये गए हैं। इनमें ताज महल, द ग्रेट पिरामिड, एफिल टॉवर, क्राइस्ट द रिडीमर ऑफ ब्राजील, लीनिंग टावर ऑफ पीसा, कोलोसियम और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी शामिल हैं। कोटा के सेवन वंडर्स पार्क को बनाने के लिए जो परियोजना शुरू की गई थी। वह शहरी विकास विभाग द्वारा 20 करोड़ रुपये लागत से शुरू की गयी थी।कोटा पर्यटन की दृष्टी से एक प्रसिद्ध स्थल बन गया है और दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहा बने स्मारक किशोर सागर झील के किनारे पर हैं, जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। कोटा घूमने के लिए आने वाले लोग पिकनिक मनाने के उद्देश्य से कोटा के सेवन वंडर्स पार्क जरूर आते हैं।

 कोटा के सेवन वंडर्स पार्क में कैमरा ले जाने की अनुमति है जिससे आप खुबसूरत क्षणों की तस्वीरों को अपने कमरे में कैप्चर करके अपन साथ ले जा सके। इसके अलावा, आम जनता को स्वादिष्ट भोजन के लिए फ़ूड स्टॉल और अन्य सुविधाएं जैसे, लॉकर और वॉशरूम की सुविधा दी जाती है। कोटा के सेवन वंडर्स पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय शाम का होता है।

 किशोर सागर और जगमंदिर पैलेस

किशोर सागर और जगमंदिर पैलेस, कोटा राजस्थान- Kishore Sagar And Jagmandir Palace Kota Rajasthan In Hindi

कोटा शहर में एक किशोर सागर कृत्रिम सुरम्य झील है। जिसका निर्माण सन 1346 के दौरान बूंदी के प्रिंस देहरा देह द्वारा करवाया गया था। किशोर सागर झील बृज विलास महल संग्रहालय के किनारे पर स्थित है। जगमदिर नामक एक संग्रहालय महल के बिल्कुल केंद्र में स्थित है। लाल पत्थर से निर्मित करामाती महल कोटा की भव्यता का एक प्रचलित स्मारक है। किशोर सागर की झील का पानी, महल की उत्तम दीवारें और गुंबदों के प्रतिबिंब अत्यंत ही आकर्षित हैं। 

                                कोटा बैराज  

कोटा मई घुमने की जगह कोटा बैराज – Kota Mein Ghumne Ki Jahag Kota Barrage In Hindi कोटा चंबल घाटी परियोजना का चौथा निर्माण है। जोकि यहां बहने वाली चंबल नदी पर बनाया गया हैं। कोटा बैराज परियोजना राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और गांधी सागर बांध इन तीनो बांधो के पानी को संग्रहीत के करने के उदेश्य से बनायीं गयी था। इसके बाद इस पानी को नहर के माध्यम से राजस्थान और मध्य-प्रदेश राज्य में सिंचाई के लिए चैनलाइज़ किया गया। इस योजना से 50% पानी म.प्र. को दिया जाता हैं जिससे म.प्र. की लगभग 11300 एकड़ भूमि लाभान्वित होती हैं। वर्तमान समय में यहां से प्राप्त होने वाले पानी से लगभग 20,000 एकड़ कृषि भूमि सिंचित की जाती हैं। बैराज कोटा में 19 गेट लगे हुए हैं जोकि चंबल नदी पर एक पुल का निर्माण करते हैं। पानी की वजह से यहां उठने वाला सफेद धुआं लोगो के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहता हैं। राजस्थान राज्य के खूबसूरत शहर कोटा में अमर निवास में चंबल नदी के किनारे पर स्थित बहुत ही खूबसूरत गार्डन है। शहर में पिकनिक मनाने वालों और यहां घूमने वालो के लिए यह भू-भाग वाला एक उद्यान जो गर्म स्थान का एहसास कराता है यहां अक्सर लोग आते रहते हैं। यह गार्डन हरे-भरे बगीचे से सुसौभित हैं और इस स्थान पर शांति का एहसास होता हैं। यह स्थान प्रकृति के बहुत करीब होने का एक विचित्र एहसास भी आपको कराता हैं। चंबल गार्डन में मौजूद हरी-भरी झाड़िया, लम्बे-लम्बे पेड़ पौधे,  रंगीन और सुगंधित फूलों की खुशबू के साथ बनाया गया हैं। यहां टहलने के स्थान भी बहुत सुन्दर हैं। आप भी ऐसे खूबसूरत और रोचक माहौल में अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना जरूर पसंद करेंगे है।

                                 चंबल गार्डन 

चंबल गार्डन धौलपुर कोटा दर्शनीय स्थल मै से एक – Tourist Places In Kota Chambal Garden In Hindi

चंबल गार्डन राजस्थान राज्य के खूबसूरत शहर कोटा में अमर निवास में चंबल नदी के किनारे पर स्थित बहुत ही खूबसूरत गार्डन है। शहर में पिकनिक मनाने वालों और यहां घूमने वालो के लिए यह भू-भाग वाला एक उद्यान जो गर्म स्थान का एहसास कराता है यहां अक्सर लोग आते रहते हैं। यह गार्डन हरे-भरे बगीचे से सुसौभित हैं और इस स्थान पर शांति का एहसास होता हैं। यह स्थान प्रकृति के बहुत करीब होने का एक विचित्र एहसास भी आपको कराता हैं। चंबल गार्डन में मौजूद हरी-भरी झाड़िया, लम्बे-लम्बे पेड़ पौधे,  रंगीन और सुगंधित फूलों की खुशबू के साथ बनाया गया हैं। यहां टहलने के स्थान भी बहुत सुन्दर हैं। आप भी ऐसे खूबसूरत और रोचक माहौल में अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना जरूर पसंद करेंगे है।चंबल गार्डन कोटा में एक आकर्षण का केंद्र है और यह गार्डन अपनी विशेषताओं की वजह से दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। चंबल गार्डन के केंद्र में एक तालाब बना हुआ है जो कई मगरमच्छो (घडियालों) का निवास स्थान है और इन्हें मछली खाने वाले मगरमच्छ के नाम से भी जाना जाता है। राजसी सरीसृपों को इस तालाब में घूमते हुए देखा जा सकता हैं। चंबल गार्डन को बॉलीवुड की ब्लॉकबास्टर फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हनियां’ में भी फिल्माया गया था।

                   खड़े गणेश जी का मंदिर 

कोटा का प्रसिद्ध मंदिर खड़े गणेश जी का मंदिर- Standing Ganesh Ji Temple In Kota In Hindi

कोटा के खड़े गणेश जी का मंदिर में स्थापित मूर्ती लगभग 600 साल से भी अधिक पुरानी हैं। यह स्थान कोटा के महत्वपूर्ण धार्मिक में स्थानों में से एक हैं। खड़े गणेश जी का मंदिर कोटा में चंबल नदी के बिल्कुल नजदीक स्थित एक पवित्र स्थल हैं। मंदिर के पास एक झील है जिसके आसपास कई मोरों की मौजूदगी इस स्थान को आकर्षित बनाती हैं। भगवान गणेश के इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह हैं कि मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ती खड़ी हैं जो कि पूरे भारत में भगवान गणेश की एक मात्र खड़ी मूर्ती मानी जाती हैं।

                        गरडिया महादेव

गरडिया महादेव, कोटा के प्रसिद्ध मंदिर में से एक – Famous Temple In Kota Garadia Mahadev Temple In Hindi

गरडिया महादेव भगवान शिव का समर्पित के एक लोकप्रिय शिव मंदिर हैं। गरडिया महादेव कोटा शहर से थोडी दूरी पर स्थित है। यह मंदिर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने में कामयाब रहा हैं। गरडिया महादेव एक ऐसा स्थान हैं जो एक पिकनिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है, और लोग अक्सर यहां पिकनिक मानाने के लिए आते हैं। क्योंकि चंबल नदी के तट पर स्थित होने के कारण नदी के पानी के जल की वजह से यहां शांति का एहसास तो होता ही है साथ में नदियों से उत्पन कई मनमोहक द्रश्य देखने को यहा मिल जाते हैं।

                         गढ़ पैलेस म्यूजियम 

कोटा पर्यटन स्थल कोटा गढ़ पैलेस म्यूजियम- Tourist Attraction Palace Museum Of Kota In Hindi गढ़ पैलेस म्यूजियममुगल शासन काल के दौरान की राजस्थानी वास्तुकला, सस्कृति और कला का एक बेहतरीन संगम हैं। कोटा शहर का सिटी पैलेस एक शाही अतीत का स्मारक है। सिटी पैलेस कोटा पर्यटकों को भारी तादाद में अपनी ओर आकर्षित करता हैं। पैलेस की दीवारों को चित्रों से, दर्पण की छत, दर्पण की दीवारों, फूलों की सजावट और रोशन की रोशनी के साथ सजाया गया है। यहां की फर्श संगमरमर की बनी है और दीवारों पर स्टाइलिश ढंग से प्रवेश द्वार बनाए गए। जिससे सिटी पैलेस की सुन्दरता को ओर बढावा मिलता हैं। महल के चारों तरफ बना उद्यान पैलेस की सुंदरता में वृद्धि करता है। कोटा का सिटी पैलेस मध्ययुगीन वेशभूषा, हथियारों के अलावा प्राचीन काल के दौरान राजा और रानियों की कलाकृतियों और हस्तशिल्पों के विशाल संग्रह को प्रदर्शित करता हुआ एक संग्रहालय है। जो आज से कई साल पहले की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

                    साड़ियों का बाज़ार कैथून 



कैथून कोटा डोरिया साड़ियों के लिए दुनिया भर में जाना जाता हैं। यहां पर बनी साड़ी हाथ से की गयी बुनाई के लिए प्रसिद्ध हैं। कपडा बुनाई के नियम इस जगह पर अच्छी तरह देखने को मिल जाते हैं। यहां बनने वाली साड़ियों को असली सोने की सुई से बुनाई की जाती हैं।कैथून में राजसी पोशाक उच्च कोटि के सूती कपड़े मिलते हैं। ये असली सोने और चांदी की सुई से धागों के साथ डिजाइन किए जाते हैं। जिससे इनकी सुन्दरता और अधिक निखर के बाहर आती हैं। पर्यटकों के लिए यह स्थान उत्कृष्ट निर्यात गुणवत्ता की ड्रेस और सरिस सामग्री खरीदने के लिए बहुत ही शानदार है।

                              गोदावरी धाम 

कोटा के प्रसिद्ध मंदिर गोदावरी धाम - Godavari Dham Temple Of Kota In Hindi

गोदावरी धाम कोटा के दादाबाड़ी में स्थित पवन पुत्र हनुमान जी महाराज को समर्पित हैं। बजरंगवली का यह स्थान कोटा में चंबल नदी के तट पर स्थित है। हनुमान जी महाराज के इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को एक विशेष आरती सुबह और आधी रात को की जाती हैं। इस आरती में शामिल होने के लिए भक्तगण दूर-दूर से सैकड़ों की संख्या में यहां आते हैं। मंदिर में भगवान गणपति, भगवान शिव, भैरव जी महाराज आदि की मूर्तियां सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं।

                         गैपरनाथ जल प्रपात 

गैपरनाथ जल प्रपात कोटा पर्यटन स्थल - Gaipernath Waterfall Of Kota Tourism In Hindi

गैपरनाथ जल प्रपात राजस्थान के कोटा शहर में केंद्र में स्थित है। यह एक सुन्दर और मनमोहक पर्यटन स्थल है। जो पर्यटकों के लिए पिकनिक, प्रकृति फोटोग्राफी, छोटे ट्रेक सहित अन्य वजह से लोगो के बीच लोकप्रिय हैं।यदि आप इस झरने का सही दर्शन करना चाहते हैं, तो मानसून के मौसम में यहां जरूर जाए। क्यूंकि जब बारिश के जल से यह झरना पुनर्जीवित होता है तो इसका नजारा देखने लायक होता हैं। आप बेस के मीठे पानी में डुबकी लगा कर इसका लुत्फ भी उठा सकते हैं।

                    राव माधोसिंह संग्रहालय 

राव माधोसिंह संग्रहालय कोटा राजस्थान - Rao Madho Singh Museum Kota Attractions In Hindi

राव माधोसिंह संग्रहालय राजस्थान के कोटा में पुराने महल के परिसर में स्थित हैं। जोकि राजस्थान के इतिहास, संस्कृति, कलाकृतियों और दस्तावेजों को संभाले हुए एक समृद्ध अविश्वसनीय संग्रह है। राव माधोसिंह संग्रहालय में चांदी की मूर्तियां, सिक्के, टेराकोटा के आंकड़े इतिहासकारों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। यह संग्रहालय दो मंजिला पर फैला हुआ है।

                             मथुराधीश मंदिर

कोटा के मथुराधीश मंदिर घुमने जरुर जाये - Mathuradhish Temple Kota In Hindi

राजस्थान के कोटा शहर में रामपुरा में मथुराधीश मंदिर एक वल्लभ संप्रदाय मंदिर है। माना जाता है कि मथुराधीश मंदिर का निर्माण राजपूत राजाओं ने करवाया था। मथुराधीश के मंदिर को भगवान श्री कृष्ण के अवतार के लिए जाना जाता हैं। भगवान विष्णु ने भगवान श्री कृष्ण के रूप में कंश सहित अन्य पापियों का विनाश करने और धर्म की स्थापना करने के लिए पृथ्वी लोक पर माता देवकी के गर्व से उनकी आठवी संतान के रूप में जन्म लिया था। यह मंदिर वैष्णव संस्कृति के अनुष्ठानों, नियमो और रीति-रिवाजों का पालन करते हुए कसोटी पर आज भी खड़ा है।

                  दर्रा वन्य जीव अभयारण्य कोटा

कोटा में घुमने लायक जगह दर्रा वन्य जीव अभयारण्य कोटा- Places To Visit In Kota Darrah Wildlife Sanctuary In Hindi

दर्रा वन्यजीव अभयारण्य कोटा शहर से 56 किलोमीटर दूर बूंदी के पास स्थित है। दर्रा वन्यजीव अभयारण्य समृद्ध वन्यजीव का दावा प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त कई अन्य विदेशी जानवरों, पौधों की प्रजातियों, सांभर हिरण, एशियाई हाथी और  एल्क आदि का निवास स्थान भी है। यह अभयारण्य ज्यादा से ज्यादा वन्यजीव सफारी, ट्रेक और दर्शनीय स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। पहले दर्रा वन्यजीव अभयारण्य का उपयोग शाही परिवारों द्वारा शिकारगाह के लिए होता था।

                              शिवपुरी धाम

शिवपुरी धाम कोटा राजस्थान- Shivpuri Dham Kota Rajasthan In Hindi

राजस्थान के कोटा शहर में स्थित शिवपुरी धाम कोटा का सबसे प्राचीन और अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में एक स्थान पर भगवान शिव के 525 शिवलिंग विराजमान हैं। शिवपुरी धाम में साल भर तीर्थयात्रियों, भक्तोंजनों और पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इस स्थान पर सबसे व्यस्त समय शिवरात्रि या रासलीला के दौरान का समय रहता हैं। मंदिर में स्थापित शिवलिंगों के मध्य में भगवान पशुपति नाथ जी की एक विशाल मूर्ति बनी हुयी है, जो की दर्शनीय हैं।

                बृजविलास पैलेस सरकारी संग्रहालय


सरकारी संग्रहालय कोटा शहर में किशोर सागर के पास बृजविलास पैलेस के परिसर में स्थित एक सरकारी संग्रहालय हैं। जो राजस्थान की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और इतिहास का एक आदर्श चित्रण प्रस्तुत करता है। संग्रहालय में पुरातात्विक निष्कर्षों, कलाकृतियों,  सिक्कों, दस्तावेजों, और अन्य मूल्यवान सामग्रियों का परिपूर्ण संग्रह है। यहां पर मौजूद सबसे प्रमुख प्रदर्शनी बरौली से लाई गई प्रतिमा हैं। बृजविलास पैलेस सरकारी संग्रहालय में फोटोग्राफी करने की अनुमति नही है।

                              कंसुआ शिव मंदिर 

कंसुआ शिव मंदिर कोटा राजस्थान- Kansua Shiva Temple Kota Rajasthan In Hindi

कंसुआ शिव मंदिर कोटा में बूंदी के पास बना हुआ हैं जोकि भगवान शिव के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। माना जाता हैं कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा अपने निर्वासन काल के दौरान किया गया था, जब वह अपनी यात्रा करते हुए कोटा पहंचे थे। कंसुआ शिव मंदिर में भगवान शिव का एक शिवलिंग बिराजमान हैं। शिवलिंग में चार सिर हैं। भगवान शिव का यह मंदिर कर्णेश्वर मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। मंदिर चम्बल नदी बिल्कुल सामने बनाया गया हैं।

                           रानी जी की बावड़ी

कोटा के पर्यटन स्थल बूंदी की रानी जी की बावड़ी- Raniji Ki Baori Bundi Kota In Hindi

राजस्थान के कोटा में बूंदी के पास एक प्राचीन बावड़ी हैं जिसे बूंदी की  के नाम से जाना जाता हैं। इसका निर्माण राजपूतों के द्वारा किया गया था यह बावड़ी हड़ताली वास्तु कला का दावा प्रस्तुत करती हुयी नजर आती हैं। बावड़ी में एक मजबूत संकीर्ण प्रवेश द्वार है जिसमें चार स्तंभ हैं जो की ऊँची छत पर झुका हुआ। बूंदी की रानी जी की बावड़ी कोटा शहर की बहुत ही महत्वपूर्ण धरोहर स्मारक है।

 कोटा घूमने का सबसे अच्छा समय- 

राजस्थान के कोटा शहर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीने का होता है। क्योंकि कोटा में उच्च तापमान के साथ-साथ अर्ध शुष्क जलवायु रहती है। गर्मियां मार्च के महीने में शुरू हो जाती है जो कि जून तक चलती हैं। इसके बाद मानसून का मौसम तो निम्न तापमान के साथ होता है। लेकिन बारिश की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं। नवम्बर से लेकर फरवरी तक का समय कोटा घूमने के लिए बिल्कुल अनुकूल माना जाता हैं।

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