झुंझुनू राजस्थान के पर्यटक स्थल

                                                                   झुझंनू


वीरों की भूमि राजस्थान अपने किले और महलों के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। कई महान राजाओं की जन्म और शासन स्थली राजस्थान में प्राचीन भव्य संरचनाओं की भरमार है, जिनमें किले, हवेली, बावड़ी, महल, मंदिर आदि शामिल हैं। भारत के इस राज्य को 'राजाओं की भूमि' भी कहा जाता है, जहां आज भी राजे-रजवाड़ों के परिवारों को देखा जा सकता है। आज हम यहां के प्राचीन और सांस्कृतिक खजाने में से एक खास शहर से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जो अपनी खूबसूरत हवेलियों और मंदिरों के लिए जाना जाता है।

                                                                        खेतड़ी महल


खेतड़ी महल’ कला और वास्तु संरचना के सर्वोत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है। इसे झुझंनू के हवा महल के रूप में भी जाना जाता है। 1770 में इस महल का निर्माण हुआ था। आश्चर्यजनक तथ्य है कि खेतड़ी महल में कोई झरोखे या द्वार नहीं है फिर भी इसे हवा महल के नाम से जाना जाता है।खेतड़ी महल का अनोखापन, हवा के अबाध प्रवाह हेतु व्यवस्थित रूप से बनाये गये भवनों के निर्माण के कारण है। महल के लगभग सभी कक्षों में सुव्यवस्थित स्तम्भ और मेहराब एक दूसरे से जुडे़ हुए हैं जो कि किले को शानदार समृद्ध रूप प्रदान करते हैं।

                                      मोदी और तिबरवाला हवेली


झुंझुनू स्थित ऐतिहासिक विरासतों को देखने की शुरूआत आप यहां की मोदी और तिबरवाला हवेली से कर सकते हैं। यह एक प्राचीन महल है,जो बकिंघम महल से कहीं ज्यादा बड़े हैं।मोदी और तिबरवाला हवेली के माध्यम से आप शेखावती कलाकृति है को अंदरूनी रूप से जान सकते हैं। यह स्थल झुंझुनू में सबसे ज्याद देखे जाने वाले स्पॉट में शामिल है। राजस्थान के अतीत और संस्कृति को बेहतर तरीके से समझने के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं।
                                       खेमी सती मंदिर

अपनी खूबसूरती और वास्तुकला के बल पर यह मंदिर काफी हद तक श्रद्धालुओं के अलावा सैलानियों का ध्यान आकर्षित करता है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ आ सकते हैं।

                                       आठ हवेली

आठ 
हवेली झुंझुनू जिले के अंतर्गत नवलगढ़ किले के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। शाब्दिक अर्थ के अनुसार आठ हवेली, हवेलियों के एक बड़े समूह (आठ) को दर्शाता है।नवलगढ़ अपने आम ही एक ऐतिहासिक भूमि है जिसकी स्थापना शेखावती के सबसे सफल शासक - शारदुल सिंह के पुत्र ठाकुर नवल सिंह द्वारा की गई थी। हवेली में शेखावती क्षेत्र में कुछ बेहतरीन भित्तिचित्र आप देख सकते हैं। आठ हवेली राजस्थान में सबसे अच्छे हवेलियों में गिनी जाती है।
                                       डुण्डलोद किला

झुझंनू का एक उपनगर डूंडलोद, अपने किले, हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे शासक सरदार सिंह के पुत्र केसरी सिंह ने 1750 ई. में बनवाया था। दिल्ली जयपुर तथा बीकानेर से सड़क मार्ग पर स्थित यह किला राजपूत और मुगल शैली की स्थापत्यकला का मिश्रण है। 
 किले के पास बनी रामदत्त गोयनका की छतरी 1888 ई. में बनवाई गई थी। इसके गुम्बद केन्द्र में फूलों के अलंकरण तथा चित्र सुसज्जित हैं। डूंडलोद में पाए जाने वाले मारवाड़ी घोड़ों की नस्ल पूरी दुनियां में प्रसिद्ध हैं।

रानी सती का मंदिर

रानी सती मंदिर राजस्थान में झुझंनू जिले में स्थित विख्यात मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास 400 से अधिक वर्षों का है।स्त्री शक्ति का प्रतीक यह मंदिर अपनी गरिमा और असाधारण चित्रों के लिए जाना जाता है। यह पुराने भारतीय तीर्थ के रूप में भी माना जाता है।

                            नरहर पीर बाबा 



नरहर गाँव झुंझुनू जिले में स्थित है, नरहर में पीर बाबा की दरगाह है, नरहर में मुसलमानों और नेहरा जाटो का शासन रहा है, अब इस गाँव में रानावा और धायल के दो जाट गोत्रों का प्रभुत्व है, यह जाट बहुल गाँव है। हज़ीब शक्करबार शाह का पवित्र मंदिर क़ौमी एकता का एक जीवंत उदाहरण है। इस दरगाह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां सभी धर्मों के लोगों को अपने-अपने धार्मिक तरीकों से नमाज अदा करने का अधिकार है। प्राचीन काल से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर यहाँ एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है, जो सांप्रदायिक एकता का प्रतीक है। जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों के हिंदू के साथ-साथ मुस्लिम भी पूरी श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं।


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